Priyanka Verma

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लेखनी - चक्रव्यूह

                          चक्रव्यूह


चक्रव्यूह कुछ रचा गया इस कदर,
बेमौत, बेचारा अभिमन्यु मारा गया,
उसे मारने वाले उसके अपने ही थे,
कोई चाचा, कोई भाई, कोई पितामह,
वो बेचारा इस समाज से ना जीत सका।
रोती हुई द्रौपदी के आत्मसम्मान को चोट लगी,
पर, महाभारत होने का इल्जाम उसपर ही लगा
कोई न आया उसे बचाने आगे,
ये नकारा समाज देखता रह गया।
सदियों से चलता ये विचारों का धर्मयुद्ध,
कृष्ण के गीता ज्ञान के बाद भी,
आज तक ना थम सका।।


प्रियंका वर्मा।।
14/5/22

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14 Comments

Punam verma

14-May-2022 09:39 PM

Nice

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Neha syed

14-May-2022 09:34 PM

👏👏

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Anam ansari

14-May-2022 09:23 PM

Nice

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